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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 गृह विज्ञान

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :200
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2783
आईएसबीएन :0

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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 गृह विज्ञान - सरल प्रश्नोत्तर

प्रश्न- विकास कार्यक्रम चक्र को विस्तृत रूप से समझाइये | इसके मूल्यांकन पर भी प्रकाश डालिए।

उत्तर -

विकास कार्यक्रम चक्र

(1) स्थिति अथवा संदर्भ का विश्लेषण - इस चरण में विकास - समस्या को समझा तथा परिभाषित कर लिया जाता है। इसमें विभिन्न पणधारियों को शामिल करने से यह मुख्य मुद्दों के प्रति बहुआयामी अंतर्दृष्टि और संपूर्ण समझ प्रदान कर सकता है। तथ्यों को निष्पक्ष रूप से एकत्र करने में उचित साधनों एवं विधियों का उपयोग किया जाना चाहिए। समस्या को पूर्णतया समझने के लिए विकास समस्या से संबंधित पिछले अनुभवों, समुदाय तथा व्यक्तिगत ज्ञान तथा अभिवृत्तियों को समझना, प्रचलित मानदंड एवं कार्य व्यवहार तथा समाज - अर्थशास्त्रीय एवं सांस्कृतिक परिप्रेक्ष्य के बारे में अन्य सूचनाएँ जानने का प्रयास अवश्य करना चाहिए।

कार्यक्रम विकास के इस चरण का एक अन्य महत्वपूर्ण, मुख्य पहलू मुद्दों के बारे में आपसी संवाद से विभिन्न पणधारियों के बीच आपसी समझ के लिए क्रियाविधि विकसित करना है। इससे विषय की आवश्यकताओं, समस्याओं, जोखिमों और उनके समाधानों के विषय में केवल समझ ही नहीं अपितु प्रत्यक्ष ज्ञान के समाधान, मुद्दों की प्राथमिकताओं के बारे में सामंजस्य विकसित होगा तथा कार्यक्रम के जिन लक्ष्यों पर वे सहमत हैं उनके हलों को परिभाषित करने में सहायता प्राप्त होगी।

(2) कार्ययोजना का अभिकल्पन - इस अवस्था में कार्यक्रम के लक्ष्यों या उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए जो कार्यनीति अपनाई जाएगी और जिन क्रियाकलापों को करना आवश्यक है उन्हें निश्चित किया जाएगा। योजना का सफलतापूर्वक अभिकल्पन उद्देश्यों को स्पष्ट तथा परिभाषित करने से प्रारंभ होता है। उदाहरण के लिए, गाँवों में स्वच्छ भारत अभियान लागू करने के लिए इन सभी कारकों पर चर्चा महत्वपूर्ण है, ताकि सभी लोग दिल से भाग ले सकें और शौचालय का निर्माण करने और खुले में शौच न जाकर शौचालय के प्रयोग के लिए अपना व्यवहार बदलें। लोगों के निर्देशन के लिए निगरानी कमेटी बनाई जाती है। यदि लक्ष्य या उद्देश्य स्थूल तथा अस्पष्ट हों तो उन्हें उचित रूप से नहीं समझा जाता और वे कार्यक्रम की असफलता का मुख्य कारण बन सकते हैं। उद्देश्यों को सुसाध्य तथा मापन - योग्य विधि से परिभाषित करने के लिए पथ-प्रदर्शक का कार्य करने के लिए होशियार (स्मार्ट) अर्थात् सुस्पष्ट मापन- योग्य, प्राप्य, यथार्थवादी तथा समयोचित सूत्र को अपनाया जा सकता है।

इस चरण का एक दूसरा महत्वपूर्ण पक्ष ऐसे संबद्ध व्यक्तियों, समूहों तथा संस्थाओं की पहचान करना है, जिनके साथ उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए तथा स्थिति में सुधार के लिए सहभागिता की आवश्यकता है, क्योंकि कार्यक्रम के प्रति व्यक्तियों तथा समूहों का अभिप्रेरण तथा प्रतिबद्धता अलग-अलग हो सकती है, अतः भागीदारी विकसित करना, सक्रिय सहभागिता तथा सभी साझेदारों का सहयोग ऐसी चुनौती है जिस पर विचार करना आवश्यक है। इसके अतिरिक्त, कार्यक्रम की कार्यनीति विकसित करते समय इसकी अपेक्षाओं को स्पष्ट रूप से परिभाषित करना और उनके मूल्यांकन तथा मापन पर विचार करना आवश्यक है।

(3) योजना को कार्यान्वित करना - एक बार कार्यक्रम योजना के विकसित हो जाने के पश्चात् सभी संगत क्रियाकलापों के प्रबंधन तथा अनुवीक्षण के लिए तथा आगे बढ़ने के लिए यह महत्वपूर्ण है कि कार्य योजना बनाई जाए। सारणी में कार्य योजना विकसित करने की एक विधि की विशिष्टताएँ दर्शायी गई हैं। इनका उद्देश्य झुग्गी-झोंपड़ी में रहने वाले फ़ारी समुदाय के 16-18 वर्ष के युवकों को, जो विद्यालय में नहीं पढ़ते हैं, एच०आई०वी० तथा एड्स के बारे में जानकारी देना है।

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(4) योजना का मूल्यांकन - योजनाबद्ध कार्यक्रम का मूल्यांकन उसका अंतिम चरण है और यह कार्यक्रम - चक्र को पूरा करता है। सरल शब्दों में मूल्यांकन एक ऐसी समयबद्ध प्रक्रिया है, जो सुव्यवस्थित रूप तथा वस्तुनिष्ठ दृष्टि से, पूरे हो चुके तथा चल रहे कार्यक्रमों तथा परियोजनाओं की संगतता की सफलता तथा निष्पादन को निर्धारित करने का प्रयत्न है। यह कार्यक्रम, परियोजना या शिक्षण - सामग्री के गुण-दोषों को पहचानने तथा समझने में सहायता करता है। मूल्यांकन के प्रति विभिन्न पणधारियों की अभिवृत्ति तथा सक्रिय भागीदारी कार्यक्रम के हानि-लाभों को वस्तुनिष्ठ तरीके से समझने की प्रक्रिया तथा क्षमता को प्रभावित कर सकती है। यदि इसे सीखने तथा सुधार लाने की भावना से किया जाए तो यह वर्तमान तथा भावी कार्यक्रमों में सुधार करने तथा उन्हें कारगर बनाने का मूल्यवान साधन हो सकता. है। अधिकांश स्थितियों में मूल्यांकन परियोजना या कार्यक्रम के अंत में किया जाता है या करने की योजना बनाई जाती है, जबकि वास्तविकता में इसकी योजना परियोजना के प्रारंभ में ही शुरू होनी चाहिए।

मूल्यांकन कार्यक्रम-चक्र के किस चरण पर किया जाता है, इसके आधार पर इसे आम तौर पर रचनात्मक या संकलनात्मक मूल्यांकन के रूप में वर्गीकृत किया जाता है।

रचनात्मक / अनुवीक्षण मूल्यांकन - इसका केंद्र बिंदु कार्यक्रम सुधार, रूपांतर तथा प्रबंधन के लिए सूचना पर होता है। यह परियोजना विकास के साथ प्रारंभ होती है और परियोजना के समाप्त होने तक लगातार चलती रहती है। इसका उद्देश्य है किए जाने वाले क्रियाकलापों का मूल्यांकन करना तथा परियोजना का अनुवीक्षण तथा इसमें सुधार करना।

 

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चित्र - विकास कार्यक्रम चक्र :

संकलनात्मक / प्रभाव मूल्यांकन - यह परियोजना की समाप्ति पर इसके निर्धारित उद्देश्यों की प्राप्ति के मूल्यांकन के लिए होता है। यह परिणामों तथा उसे प्राप्त करने से संबंधित प्रक्रियाओं, कार्यनीतियों तथा क्रियाकलापों के बारे में सूचना एकत्रित करता है। यह महत्व या गुण का मूल्य निर्धारण है।

कार्यक्रम की प्रगति तथा इसके प्रभाव का मूल्यांकन करने के लिए प्रयोग किए जाने वाले प्राचल स्पष्ट रूप से परिभाषित तथा मापन योग्य होते हैं। कार्यक्रम संकेतकों का निर्धारण योजना बनाने के स्तर पर ही कर लेना चाहिए। प्रोग्राम निवेशों के संकेतक विशिष्ट संसाधनों को मापते हैं, जो परियोजना या प्रोग्राम को पूरा करने में काम आते हैं (उदाहरण के लिए, स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए नियत की गई धन की वार्षिक राशि)। निर्गत के सूचकों द्वारा प्रोग्राम द्वारा प्राप्त किए गए तात्कालिक परिणामों को मापा जाता है। (उदाहरण के लिए, उन दर्शकों की संख्या जिन्होंने प्रोग्राम को देखा या जिनसे मिले अथवा प्रशिक्षित किए गए कर्मचारियों की संख्या।) यदि सूचक प्रारंभ से ही परिभाषित, निर्धारित तथा वैधीकृत नहीं है तो किसी भी मूल्यांकन प्रक्रिया से अभिक्रम के प्रभाव को मापा नहीं जा सकेगा।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- सामुदायिक विकास से आप क्या समझते हैं? सामुदायिक विकास कार्यक्रम की विशेषताएँ बताइये।
  2. प्रश्न- सामुदायिक विकास योजना का क्षेत्र एवं उपलब्धियों का वर्णन कीजिए।
  3. प्रश्न- सामुदायिक विकास कार्यक्रम के उद्देश्यों को विस्तारपूर्वक समझाइए।
  4. प्रश्न- सामुदायिक विकास की विधियों को समझाइये।
  5. प्रश्न- सामुदायिक विकास कार्यक्रम के सिद्धान्तों का वर्णन कीजिए।
  6. प्रश्न- सामुदायिक विकास की विशेषताएँ बताओ।
  7. प्रश्न- सामुदायिक विकास के मूल तत्व क्या हैं?
  8. प्रश्न- सामुदायिक विकास के सिद्धान्त बताओ।
  9. प्रश्न- सामुदायिक विकास कार्यक्रम की सफलता हेतु सुझाव दीजिए।
  10. प्रश्न- सामुदायिक विकास कार्यक्रम क्या है?
  11. प्रश्न- सामुदायिक विकास योजना संगठन को विस्तार से समझाइए।
  12. प्रश्न- सामुदायिक संगठन से आप क्या समझते हैं? सामुदायिक संगठन को परिभाषित करते हुए इसकी विभिन्न परिभाषाओं का वर्णन कीजिए।
  13. प्रश्न- सामुदायिक संगठन की विभिन्न परिभाषाओं के आधार पर तत्त्वों का वर्णन कीजिए।
  14. प्रश्न- सामुदायिक संगठन के विभिन्न प्रकारों को स्पष्ट कीजिए।
  15. प्रश्न- सामुदायिक विकास संगठन की सैद्धान्तिक पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालिये।
  16. प्रश्न- सामुदायिक संगठन के विभिन्न उद्देश्यों का वर्णन कीजिए।
  17. प्रश्न- सामुदायिक संगठन की आवश्यकता क्यों है?
  18. प्रश्न- सामुदायिक विकास संगठन के दर्शन पर संक्षिप्त लेख लिखिए।
  19. प्रश्न- सामुदायिक विकास संगठन की अवधारणा को स्पष्ट कीजिए।
  20. प्रश्न- सामुदायिक विकास प्रक्रिया के अन्तर्गत सामुदायिक विकास संगठन कितनी अवस्थाओं से गुजरता है?
  21. प्रश्न- सामुदायिक विकास संगठन की विशेषताएँ बताइये।
  22. प्रश्न- सामुदायिक संगठन और सामुदायिक विकास में अंतर स्पष्ट कीजिए।
  23. प्रश्न- सामुदायिक विकास संगठन और सामुदायिक क्रिया में अंतर बताइये।
  24. प्रश्न- सामुदायिक विकास संगठन के प्रशासनिक ढांचे का वर्णन कीजिए।
  25. प्रश्न- सामुदायिक विकास में सामुदायिक विकास संगठन की सार्थकता एवं भूमिका का वर्णन कीजिए।
  26. प्रश्न- गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा से आप क्या समझते हैं? गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा का क्षेत्र समझाइये।
  27. प्रश्न- गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा के उद्देश्यों का विस्तार से वर्णन कीजिये।
  28. प्रश्न- गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा की विशेषताएँ समझाइयें।
  29. प्रश्न- ग्रामीण विकास में गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा का महत्व समझाइये।
  30. प्रश्न- गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा के क्षेत्र, आवश्यकता एवं परिकल्पना के विषय में विस्तार से लिखिए।
  31. प्रश्न- समेकित बाल विकास सेवा (ICDS) कार्यक्रम को विस्तार से समझाइए।
  32. प्रश्न- स्वर्ण जयन्ती ग्राम स्वरोजगार योजना के बारे में बताइए।
  33. प्रश्न- राष्ट्रीय कैडेट कोर (NCC) पर एक टिप्पणी लिखिये।
  34. प्रश्न- राष्ट्रीय सेवा योजना (N.S.S.) पर टिप्पणी लिखिये।
  35. प्रश्न- नेहरू युवा केन्द्र संगठन का परिचय देते हुए इसके विभिन्न कार्यक्रमों का वर्णन कीजिए।
  36. प्रश्न- नेहरू युवा केन्द्र पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।
  37. प्रश्न- कपार्ट एवं गैर-सरकारी संगठन की विकास कार्यक्रम में महत्वपूर्ण घटक की भूमिका निभाते हैं? विस्तृत टिप्पणी कीजिए।
  38. प्रश्न- बाल कल्याण से सम्बन्ध रखने वाली प्रमुख संस्थाओं का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
  39. प्रश्न- हेल्प एज इण्डिया के विषय में आप क्या जानते हैं? यह बुजुर्गों के लिए किस प्रकार महत्वपूर्ण है? प्रकाश डालिए।
  40. प्रश्न- संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) से आप क्या समझते हैं? इसके कार्यों व महत्व पर प्रकाश डालिये।
  41. प्रश्न- बाल विकास एवं आप (CRY) से आप क्या समझते हैं? इसके कार्यों एवं मूल सिद्धान्तों पर प्रकाश डालिए।
  42. प्रश्न- CRY को मिली मान्यता एवं पुरस्कारों के विषय में बताइए।
  43. प्रश्न- बाल अधिकार का अर्थ क्या है?
  44. प्रश्न- बच्चों के लिए सबसे अच्छा एनजीओ कौन-सा है?
  45. प्रश्न- राष्ट्रीय बाल अधिकार दिवस कब मनाया जाता है?
  46. प्रश्न- नेतृत्व से आप क्या समझते है? नेतृत्व की प्रमुख विशेषताओं का विश्लेषण कीजिये।
  47. प्रश्न- नेतृत्व के विभिन्न प्रारूपों (प्रकारों) की विस्तृत विवेचना कीजिए।
  48. प्रश्न- नेतृत्व प्रशिक्षण से आप क्या समझते हैं? इसके महत्व पर प्रकाश डालिए।
  49. प्रश्न- नेतृत्व प्रशिक्षण की प्रमुख प्रविधियों का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
  50. प्रश्न- कार्यस्थल पर नेताओं की पहचान करने की विधियों का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
  51. प्रश्न- ग्रामीण क्षेत्रों में कितने प्रकार के नेतृत्व पाए जाते हैं?
  52. प्रश्न- परम्परागत ग्रामीण नेतृत्व की विशेषताएँ बताइये।
  53. प्रश्न- नेतृत्व प्रशिक्षण को किन बाधाओं का सामना करना पड़ता है?
  54. प्रश्न- नेतृत्व की प्रमुख विशेषताओं को बताइए।
  55. प्रश्न- नेतृत्व का क्या महत्व है? साथ ही नेतृत्व के स्तर को बताइए।
  56. प्रश्न- नेतृत्व प्रशिक्षक से आप क्या समझते हैं? एक नेतृत्व प्रशिक्षक में कौन-से गुण होने चाहिए? संक्षेप में बताइए।
  57. प्रश्न- एक अच्छा नेता कैसा होता है या उसमें कौन-से गुण होने चाहिए?
  58. प्रश्न- एक अच्छा नेता कैसा होता है या उसमें कौन-से गुण होने चाहिए?
  59. प्रश्न- विकास कार्यक्रम का अर्थ स्पष्ट करते हुए विकास कार्यक्रम के मूल्यांकन में विभिन्न भागीदारों के महत्व का वर्णन कीजिए।
  60. प्रश्न- विकास कार्यक्रम चक्र को विस्तृत रूप से समझाइये | इसके मूल्यांकन पर भी प्रकाश डालिए।
  61. प्रश्न- विकास कार्यक्रम तथा उसके मूल्यांकन के महत्व का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  62. प्रश्न- सामुदायिक विकास कार्यक्रम के प्रमुख घटक क्या हैं?
  63. प्रश्न- कार्यक्रम नियोजन से आप क्या समझते हैं?
  64. प्रश्न- कार्यक्रम नियोजन की प्रक्रिया का उदाहरण सहित विस्तृत वर्णन कीजिए।
  65. प्रश्न- अनुवीक्षण / निगरानी की विकास कार्यक्रमों में क्या भूमिका है? टिप्पणी कीजिए।
  66. प्रश्न- निगरानी में बुनियादी अवधारणाएँ और तत्वों का विस्तृत विवरण प्रस्तुत कीजिए।
  67. प्रश्न- निगरानी के साधन और तकनीकों का तुलनात्मक अध्ययन कीजिए।
  68. प्रश्न- मूल्यांकन डिजाइन (मूल्यांकन कैसे करें) को समझाइये |
  69. प्रश्न- मूल्यांकन के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत चर्चा कीजिए।
  70. प्रश्न- मूल्यांकन की विभिन्न विधियों का वर्णन कीजिए।
  71. प्रश्न- निगरानी का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
  72. प्रश्न- निगरानी के विभिन्न प्रकारों का वर्णन कीजिए।
  73. प्रश्न- निगरानी में कितने प्रकार के सूचकों का प्रयोग किया जाता है?
  74. प्रश्न- मूल्यांकन का अर्थ और विशेषताएँ बताइये।
  75. प्रश्न- निगरानी और मूल्यांकन के बीच अंतर लिखिए।
  76. प्रश्न- मूल्यांकन के विभिन्न प्रकारों को समझाइये।

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